श्री नरेश पिशोरीलाल सबलोक सर की कलम से........
डेवलपमेंट डायरेक्टर, कृष्णा बिजनेस डेवलपमेंट प्रा. लि.
मेने जबलपुर से इलेक्ट्रॉनिक एवं टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर की डिग्री वर्ष १९८१ में उत्तीर्ण की, उसके बाद विभिन्न कॉर्पोरेट संगठनों में काम किया, अनुभव का खजाना बढ़ने के बाद, अनेक संगठनों में, नीतिगत निर्णय लेने वाली उच्च प्रबंधन पोस्ट पर काम किया. मेने अंतिम सर्विस बहुराष्ट्रीय जर्मन कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर की. मेरी पत्नी एक शिक्षाविद हैं और 27 साल तक पुणे के एक नामी स्कूल में प्रिंसिपल थीं.
राष्ट्रीय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करते समय में एमवे कंपनी से जुड़ा, बहुत कुछ देखने और सीखने को मिला. एमवे कंपनी में मेरे सीनियर आस्ट्रेलिया के थे, उन्होंने मुझे ट्रेनिंग के लिए आस्ट्रेलिया बुलाया, वहां ट्रेनिंग लेने के बाद बिजनेस ग्रोथ में तेजी आ गई, कंपनी ने मुझे "गोल्ड बर्ड" पदवी से सम्मानित किया. कुछ समय बाद में कंपनी के ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन "नेटवर्क २१" में ट्रेनिंग देने लगा. समय के साथ बदलाव होते गए, मैंने स्वयं का बिजनेस प्रारंभ किया. जिसे अब मेरा बेटा संभालता है. सेल्स और सेल्स की कला सिखाना मेरे ब्लड में था, समय था स्वदेशी चळवळ का, में भी उससे अछूता नहीं रह पाया, काम की शुरुवात की, धीरे-धीरे काम की व्याप्ति बढ़ती गई, सम्पूर्ण भारत में तक़रीबन डेढ़ लाख लोगों के साथ मेरा बिजनेस चल रहा था. उसके बाद कुछ समय की विश्रांति के बाद फिर एक कंपनी से, ना चाहते हुए, नाता जुड़ गया, कई साल तक उस कंपनी में टॉप पोस्ट पर काम किया, एक दिन अचानक मेने कंपनी छोड़ दी, उस कंपनी में लगभग सबकुछ में ही देख रहा था, इसलिए मेरे राजीनामे की चर्चा दूर-दूर तक जंगल में आग की तरह फ़ैल गई, वह साल २०१४ था.
कृष्णा बिजनेस डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन M.D. श्री अमरजीत चौरसिया को मेरे राजीनामे की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत मुझे फोन करके भारत की इंच-इंच भूमि को आर्गनिक बनाने हेतु भारत भर में "मल्टीप्लायर तकनीक" की खेती को गति प्रदान करने के कार्य से जुड़ने का आग्रह किया. मेने तुरंत कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया, परन्तु मेरे जीवन काल में, में रसायन विरोधी था, मिटटी की खराबी से लेकर नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से अवगत था, अतेव कुछ ना करने की इच्छा के बावजूद मेने भारत के किसान भाइयों को "दुनिया का सबसे समृद्ध किसान" बनाने हेतु "मल्टीप्लायर तकनीक" की खेती के प्रचार प्रसार का निर्णय लिया. यह मेरे करियर का एक अनोखा मोड़ था, क्योंकि, ना तो में किसान परिवार से था, ना मेने कभी खेती की थी.मेरे पिता एक सेना अधिकारी थे और पत्नी के पिता एक नौसेना अधिकारी थे. चूंकि मेरे पास सेल्स और मार्केटिंग का व्यापक अनुभव था, सिर्फ इतना किसी नए क्षेत्र में झंडे गाड़ने के लिए नाकाफी था, बावजूद आज में कंपनी में डायरेक्टर डेवलपमेंट पद पर हूँ, इसका मुख्य कारण यह की, में भारत को आर्गनिक बनाने की चाहत रखता था, मेरा एक ही ध्येय था, भारत का किसान दुनिया का सबसे संपन्न किसान बने तथा भारत के नागरिक आरोग्य संपन्न बनें, मेरी इस चाहत ने मेरे बिजनेस को भारत के लगभग सभी राज्यों तक पहुंचा दिया.
भारत को आर्गनिक बनाने की प्रबल इच्छाशक्ति ने मुझे बहुत कुछ सीखने का मौका दिया, में कृषि से अनभिज्ञ था यह त्रिवार सत्य है, परन्तु जिन्होंने मुझे इस क्षेत्र में आमंत्रित किया था, श्री अमरजीत चौरसिया सर, उनके पास एक दशक से ज्यादा का अनुसंधान का अनुभव था, उन दिनों वो लगातार लिखते रहते थे, उनका प्रत्येक लेख मुझे कृषि के क्षेत्र का एक नया ज्ञान देता था, "हमारा अनुसंधान" नाम का लेख मेने कई बार पढ़ा, उस लेख में बहुत आसान भाषा में कृषि की जानकारी दी गई है, जिसके कारण में कृषि के काम को भारत भर पहुंचा सका, शुरुवात में इस लेख की पुस्तक उपलब्ध थी, अब यह लेख कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध है. मेरी सफलता के पीछे और भी कई राज हैं, जिन्हे में आज सबको बताना चाहता हूँ, कंपनी के पास आधुनिक कॉल सेंटर है, जहाँ विविध भाषा में संपर्क करने हेतु सेल्स एग्जीक्यूटिव हैं, कंपनी इनको लगातार ट्रेनिंग देती रहने के कारण, सभी सेल्स एग्जीक्यूटिव हमारे बिजनेस की ग्रोथ में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. बिजनेस प्लॉन अनेक होते हैं, परन्तु सभी बिजनेस प्लॉन सफलता की सीढ़ियों तक नहीं पहुंचाते, अनेक प्लॉन पर काम करने के बाद सही प्लॉन मिलता है, मतलब सही प्लॉन को पाने हेतु अनेक प्लॉन पर काम करना पड़ता है. इस कंपनी में ऐसा नहीं करना पड़ता, कंपनी के सेल्स एग्जीक्यूटिव सम्पूर्ण भारत तहलका मचाने वाले सक्सेस प्लॉन आप तक पहुंचाते हैं, इसलिए आप सीधे सक्सेस प्लॉन पर काम करते हैं.
कंपनी के प्रतिनिधियों को कृषि से सम्बंधित किसी भी समस्या के तुरंत निदान के लिए कंपनी के कृषि तज्ञ संचालक श्री राकेश पाटील सदैव उपलब्ध रहते हैं, अगर समस्या फसल में है, तब उसका फोटो भेजकर तुरंत मार्गदर्शन लिया जा सकता है. इस विशेष सुविधा के कारण किसान भाई लाभान्वित हो रहे हैं साथ में कंपनी प्रतिनिधियों के ज्ञान में वृद्धि हो रही है.
किसी भी बिजनेस की सफलता में विश्वास का रोल सबसे महत्वपूर्ण है, मुझे "मल्टीप्लायर" की ताकत और कार्यक्षमता पर पूरा विश्वास था, मेरा विश्वास मेरी बातों में झलकता था, मेरी बातों में जो विश्वास था, वो किसान भाइयों को मल्टीप्लायर का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करता था, मेरे बिजनेस पार्टनर मल्टीप्लायर की ताकत के विषय में सिर्फ सुनकर बिजनेस करने के लिए तैयार हो जाते थे.
मराठी में कहा जाता है, "शोधा म्हणजे सापडेल" मेने सिर्फ ढूंढने का काम किया, और मुझे ऐसे बहुत लोग मिले जो मिटटी को सुधारना चाहते थे, आर्गनिक भारत बनाने की चाह में उन लोगों ने बढ़ चढ़कर काम किया, जिसका परिणाम आज भारत में करोड़ों किसान भाई मल्टीप्लायर तकनीक से आर्गनिक फार्मिंग की तरफ कदमताल कर रहे हैं. मेरा स्वयं का काम और मेरे बिजनेस पार्टनर की मेहनत रंग लाई, मुझे भारत के पहले " ऑर्गेनिक भारत के शिल्पकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मेरे पास नेटवर्क मार्केटिंग का लगभग २३ साल का अनुभव है, मेने सेल्स पर्सन से लेकर ट्रेनिंग देने तक तथा टॉप पोस्ट रहकर पर नीतियां निर्धारित करने तक का काम किया है. नेटवर्क बिजनेस में पैसा बहुत मिलता है, इसमें कोई दो मत नहीं है, परन्तु वह पैसा कहाँ चला जाता है, पता नहीं चलता. लोगों को मीटिंग में लाने का खर्चा, मीटिंग के टिकिट खरीदने का खर्चा, टिकिट आनेवाले लोगों से डबल खरीदने पड़ते हैं, कंपनी इनकम देखकर तरह-तरह के कारण देकर डिडक्शन करती है, हिसाब का भी कोई ठिकाना नहीं होता, जितने का चेक मिल जाय वही आपकी इनकम.
जब से मेने कृष्णा बिजनेस डेवलपमेंट में काम शुरू किया है, मेरी इनकम की पूरी डिटेल मुझे मेरे पेनल पर दिखती है,.जितनी रकम पेनल पर शो होती है, TDS काटने के बाद बची हुई रकम का पेमेंट प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार से पहले मेरे खाते में जमा दिखता है, सबसे ख़ास बात यह की, आज तक शुक्रवार का शनिवार नहीं हुआ, इतना ही नहीं, लॉक डाऊन के समय भी मेरे खाते में पैसे जमा होने में विलम्ब नहीं हुआ. कंपनी में समय-समय पर मीटिंग के लिए जाने पर होटल और भोजन की व्यवस्था कंपनी की तरफ से की जाती है. एक से अधिक दिन की ट्रेनिंग का भी कंपनी चार्ज नहीं करती, सभी प्रतिनिधियों का सम्पूर्ण खर्च कंपनी करती है.
मेरा कार्यकौशल और कंपनी की तरफ से मिलनेवाले सपोर्ट के कारण में अल्प समय में सम्पूर्ण भारत में बिजनेस पार्टनर बना सका, आज मेरे लगभग बिजनेस पार्टनर एक अच्छी रकम कमा रहे हैं तथा अपने काम से संतुष्ट हैं, में स्वयं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो गया हूँ, बावजूद आठ अंकों की इनकम मिल रही है.में कृष्णा बिजनेस डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ना मेरे जीवन का एक टर्निंग पॉइंट था, में स्वयं को भाग्यशाली समझता हूँ.
समय के साथ कंपनी ने नए जमाने में प्रवेश किया, हमारे ३३ साल के नवजवान CMD श्री अमित चौरसिया ने बिजनेस को आसान बनाने की नई-नई तकनीक ईजाद की, जिसके कारण कंपनी ने बिजनेस विस्तार का पहला टप्पा २०२३ में कम्प्लीट किया, कंपनी प्रतिनिधियों की संख्या एक लाख से ऊपर होने के बाद सीधे एक करोड़ का टारगेट लिया गया है. इसे भी हम समय से पहले पूरा करेंगे. हमारी कंपनी उम्र में बहुत छोटी है, परन्तु सिस्टम, सुविधा, जानकारी और तकनीक में शायद कोई भी कंपनी हमारा मुकाबला नहीं कर सकती, इसलिए बिजनेस में लोगों को जोड़ना आसान होता है, जो भी जुड़ता है, तन और मन से कंपनी के साथ काम करता है, मेरे अनुसार सफलता की कुंजी तीन चीजों का प्रबंधन करना है- समय, पैसा और लोग। मैं हृदय से माननीय तत्कालीन सीएमडी सर का आभारी हूं। अमरजीत चौरसिया सर ने समय-समय पर मेरे अंदर इन तीन चीजों को फाइन ट्यून किया और मैंने उसी पर अमल किया, इसी वजह से मैंने बुलंदियों और सफलता को छुआ है।
यह तो बस शुरुआत है, हमें केबीडी द्वारा निर्धारित इस समृद्ध मंच पर बहुत आगे तक जाना है।
मुझे यकीन है कि अगर मैं इसे हासिल कर सकता हूं तो हर कोई इसे हासिल कर सकता है, इसका एकमात्र तरीका कंपनी द्वारा निर्धारित प्रणालियों के सामने आत्मसमर्पण करना है, जो सिद्ध है और जिसने कई लोगों को सफल बनाया है।